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नई दिल्ली: आत्मविश्वास से भरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा, "मेरा पक्का मानना है कि परमात्मा ने ही मुझे 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए भेजा है और जब तक यह नहीं होता, परमात्मा मुझे वापिस नहीं बुलाएंगे. " मोदी सलाम इंडिया शो में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। यह शो आज रात 9 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित किया गया।
मोदी ने कहा, "मुझे लगता है कि सर्वशक्तिमान ईश्वर ने मुझे एक विशेष उद्देश्य के लिए भेजा है। ईश्वर ने मुझे 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भेजा है। ईश्वर मुझे मार्गदर्शन दे रहे हैं, पथ दिखा रहे हैं, परिश्रम और पराक्रम दे रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि जब तक मैं उस लक्ष्य को 2047 तक हासिल नहीं कर लूंगा , मुझे परमात्मा वापस नहीं बुलाएंगे।" प्रधानमंत्री मोदी इस समय 74 साल के हैं।
मोदी ने कहा, 400 पार का नारा बीजेपी ने नहीं, बल्कि जनता द्वारा दिया गया नारा है। "पिछले पांच वर्षों के दौरान हमें अन्य दलों से जो समर्थन मिला, उसे देखते हुए संसद में हमारी संख्या पहले से ही 400 थी। कोई भी बच्चा जो 95 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है, वह स्वाभाविक रूप से और आगे के लक्ष्य के लिए प्रयास करेगा।"
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की इस शिकायत पर कि इस बार चुनाव में उन्हें लेवल प्लेईंग फील्ड नहीं मिला, मोदी ने याद दिलाया कि कैसे 21 मई, 1991 को श्रीपेरंबुडुर में कांग्रेस नेता राजीव गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त (टी.एन.शेषन) ने पूरे देश में मतदान 22 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। उस वक्त केवल एक दौर का मतदान संपन्न हुआ था। इसके बाद चुनाव मध्य जून तक के लिए स्थगित कर दिए गए। 12 और 15 जून को जाकर बाकी दौर का मतदान कराया गया।
मोदी ने कहा, अगर किसी कैंडिडेट की मौत होती है, तो चुनाव स्थगित हो जाता है। कोई मुझे बताए राजीव गांधी की हत्या हुई तो उनकी सीट पर ही चुनाव कैंसिल होनी चाहिए थी.. लेकिन उस समय के चुनाव आयोग ने पूरे देश का चुनाव स्थगित कर दिया। कोई लॉजिक नहीं था। और करीब 21 से 22 दिन दिए। उनकी अस्थि कलश को लेकर देशभर में यात्राएं हुईं। फिर चुनाव की तारीख दी गई। पीएम मोदी ने पूछा- यह कौन सा लेवल प्लेईंग फील्ड था? मोदी ने कहा, "वही व्यक्ति (टी.एन.शेषन) रिटायरमेंट के बाद 1999 में कांग्रेस के टिकट पर गांधीनगर में हमारे पार्टी अध्यक्ष (लालकृष्ण आडवाणी) के खिलाफ चुनाव लड़े थे।"
यह पूछे जाने पर कि जब चुनाव प्रक्रिया चल रही थी तब दो मौजूदा मुख्यमंत्रियों (दिल्ली और झारखंड) को जेल क्यों भेजा गया, मोदी ने कहा, "हमने उन्हें जेल नहीं भेजा। अदालतों ने दोनों मुख्यमंत्रियों को जेल भेजा। हमारे पास किसी को जेल में डालने या किसी को जेल में रखने का अधिकार नहीं है। ये फैसला अदालत करती है। देखिए झारखंड के पूर्व सीएम (हेमंत सोरेन) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री (मनीष सिसौदिया) के बारे में क्या कहा..लोगों ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भारी मात्रा में कैश जब्त होते देखा है। 2200 करोड़ रुपये कैश जब्त करने के लिए हम सभी को ईडी की तारीफ करनी चाहिए। इन पैसों को 70 टैंपो में रखा जा सकता है। वहीं यूपीए के 10 वर्षों के शासन काल में केवल 34 लाख कैश जब्त हुआ जिसे एक बच्चे के स्कूल बैग में रखा जा सकता है।"
मोदी ने दिल्ली शराब मामले में आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "वे स्कूलों के पास शराब की दुकानें खोलकर बच्चों की जिंदगी खराब करना चाहते थे, उन्होंने शराब की एक बोतल पर एक बोतल मुफ्त देने की पेशकश की, क्योंकि उन्हें हर बोतल पर कमीशन मिल रहा था।" पीएम मोदी ने कहा,मैं यह साफ कर दूं कि मैंने 2014 का चुनाव सिर्फ इसलिए जीता क्योंकि मैंने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया था। मैं अखबारों और टीवी में सुर्खियां पाने के लिए इस सरकार को नहीं चलाता हूं। मेरी सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए काम करती है।
पाकिस्तान के इस आरोप पर कि उसके देश में आतंकवादियों की टारगेट किलिंग के पीछे भारत का हाथ है, मोदी ने जवाब दिया: "यह मुद्दा नहीं है। पाकिस्तान के लोग परेशान हैं मैं जानता हूं, लेकिन उनकी परेशानी का कारण मैं ही हूं, ये भी मैं जानता हूं। जब वहां के लोग रोते हैं, तो मैं समझ सकता हूं, लेकिन मैं ये नहीं समझ पाता कि यहां के लोग क्यों रोते हैं।"
मोदी ने उदाहरण के तौर पर कहा, लेकिन दुख इस बात का है कि मेरे ही देश के ही जिम्मेवार पार्टी का व्यक्ति ये कहे कि 26/11 हमले में कसाब ने हमारे देश के लोगों को नहीं मारा था बल्कि हमारे देशवासियों ने अपने देशवासियों को मारा था। एक पार्टी जो सालों तक सत्ता में रही। 26/11 के समय में वह पार्टी पावर में थी। और उसकी तरफ से जब इस तरह का बयान आता है तो बहुत दर्द होता है। ऐसा नेता पाकिस्तान और अजमल कसाब के पक्ष में बयान कैसे दे सकता है? जब भी मैं ऐसी टिप्पणी सुनता हूं तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।
मणिशंकर अय्यर की इस टिप्पणी पर कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास परमाणु बम हैं, मोदी ने मज़ाकिया अंदाज में जवाब दिया, ऐसा है कि वो ताकत तो मैं खुद लाहौर जाकर चेक करके आया हूं। मैं बिना किसी सुरक्षा जांच के लाहौर में उतरा। वहां पर एक रिपोर्टर रिपोर्टिंग कर रहा था.. हाय अल्लाह तौबा..हाय अल्लाह तौबा.. ये बिना वीजा कैसे आ गए.. मैं बोला, ये मेरा ही देश था यार किसी जमाने में..।
शिव सेना (यूबीटी) नेता की इस भविष्यवाणी पर कि मोदी चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के लिए भक्तों को ट्रेन से भेज सकते हैं और पाकिस्तान उस ट्रेन को उड़ा सकता है, जिससे दंगे हो सकते हैं और मोदी के लिए चुनाव जीतना आसान हो जाएगा, मोदी ने जवाब दिया: "पत्रकार जाकर उस नेता से क्यों नहीं पूछते हैं कि वह दवा क्यों नहीं ले रहे या मेडिकल जांच क्यों नहीं करा रहे? क्या कोई ट्रेन उड़ाई गई? क्या दंगे हुए? उन्हें अपनी दिमागी बीमारी की जांच करानी चाहिए?