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अरुण कुमार पाण्डेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती पर बिहार में किस जाति की कितनी आनादी की रिपोर्ट सार्व।जनिक हो गयी है। इससे किसे फायदा होगा? क्या जाति की सियासत तेज होगी? इस रिपोर्ट के आधार पर हक,हिस्सा और भागीदारी की आवाज बुलंद होगी? आबादी के आधार पर राज्य सरकार की नौकरियों मे॔ आरक्षण देने की मांग फिर तेज होगी? बिहार की तरह पूरे देश में जातीय गणना कराने का केन्द्र पर दबाव बढेगा? 36% अति पिछड़ी जाति की नयी गोलबंदी होगी? इन्ही सवालों के बीच आज राहुल गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव सरीखे नेताओं ने लोकसभा के 2024 के चुनाव का बडा मुद्दा बनाने का साफ स॔केत दे दिया है।महिला आरक्षण कानून का संसद में समर्थन देने के साथ भाजपा छोड॔ अन्य सभी दलों ने ओबीसी महिला का भी आरक्षण की मां से पीछे नहीं रही।अब केन्द्र सरकार पर लोकसभा चुनाव बाद जनगणना के साथ जातीय गणना कराने की मांग पर विचार करना पड़ सकता है।